लघु उपन्यास : करवट (सातवीं क़िस्त)
दिव्यशक्तियों सी अनुभूति कराने वाला, धूल धूसरित रहने वाला रमुवा, सफेद ऐप्रन पहनकर आला गले में शिवशक्तियुक्त, गांव और पूरे पंचायत का
Read Moreदिव्यशक्तियों सी अनुभूति कराने वाला, धूल धूसरित रहने वाला रमुवा, सफेद ऐप्रन पहनकर आला गले में शिवशक्तियुक्त, गांव और पूरे पंचायत का
Read Moreराजसभा में सर्वत्र मौन छाया था। भीष्म और द्रोण तक का तिरस्कार करने वाले युवराज दुर्योधन के सामने फिर किसी
Read Moreअब कृष्ण ने महाराज धृतराष्ट्र की ओर मुख किया। वे अपनी अंधी आंखों की पुतलियों को ऊपर चढ़ाये हुए राजसभा
Read Moreरात के दस बजे थे, रामकुमार अपनी परीक्षा की तैयारी में व्यस्त था, तभी जोर की आवाज हुई और बिजली
Read Moreराजसभा में पांचाली के वस्त्रहरण का कृष्ण द्वारा उल्लेख करने पर युवराज दुर्योधन आगबबूला हो गया, जैसे किसी ने उसको
Read Moreखाना खाकर मानसी ने अपने बच्चों के साथ ही सोने को कहा, तो रामकुमार को बड़ा ही अटपटा सा लगा। उसने
Read Moreकृष्ण की यह बात सुनकर धृतराष्ट्र भीतर तक कांप गये। तब तक विदुर के अलावा किसी ने उनको यह बताने
Read Moreदुर्योधन की यह गर्वोक्ति सुनकर कृष्ण क्रोधित नहीं हुए, बल्कि दयनीय दृष्टि से दुर्योधन की ओर देखा और मंद-मंद मुस्कराते हुए
Read Moreठाकुर साहब ने कहा कि शहर में पहुँच कर मानसी बुआ के यहां इन्द्रानगर में चले जाना और वहाँ पहुँचने के
Read Moreबोलने के लिए अवसर मिलते ही कृष्ण ने महाराज को सम्बोधित करके किन्तु राजसभा की ओर मुख करके कहना प्रारम्भ
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