ग़ज़ल
कफ़स में ख्वाब उसको आसमाँ का जब दिखा होगा । परिंदा रात भर बेशक बहुत रोता रहा होगा ।। कई
Read Moreयादें खड़ी , ले आइना , कह दो ज़माना हो गया ! हम तुम मिले , लग कर गले
Read Moreअपने ही जब अपनों को छले तो क्या करे कोई! शमां में जानकर परवाना जले तो क्या करे कोई! वक्त़
Read Moreप्यार की हर बात से महरूम हो गए आज हम दर्द की खुशबु भी देखो आ रही है फूल से
Read Moreजहां में चाहे गम हो या खुशी क्या मेरे मा – बैन रंजिश दोस्ती क्या खुदा मुझको यकीं खुद पे
Read More