गज़ल
अब चमन नया बनाएँगे फूल न यहाँ मुरझाएँगे| सच को थामे जग में ही भ्रम को सब हटाएँगे | सात
Read Moreयहां विदेशी शरण पा रहे इनके कई हितैषी ! देश की चिंता यहां किसे है , मन भाये परदेसी !!
Read Moreगर्भ में बेटी पले मार दी जाती है अजन्मी बेटी दुनिया देख नही पाती है सभी कहते है कुल का
Read Moreकल पुर्जों पर ही यह जीवन, यदि मानव का निर्भर होगा। नई सदी में ज़रा सोचिए, जीना कितना दुष्कर होगा।
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