देख ये पर्यावरण मर रहा है
मत काट ये झाड़ पेड़ उन्होंने तेरा क्या बिगाड़ा है तेरे जन्म से तेरे अंत तक बस उनका ही सहारा
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Read Moreफागुन की छायी बहार है ,सब मिल खेलो रंग । हर सू बिखरा रंग केसरी ,मनवा हुआ मलंग । होली
Read Moreहोली की मस्त बहार,रंग बरसाने दो। रंग दूँ रंग मैं लाल, पास तो आने दो। गोरी ओढ़ी लाल चुनरिया। काले
Read Moreमहक लुटाते कानन पावन नहीं रहे गोबर लिपे हुए घर-आँगन नहीं रहे — आज आदमी में मानवता सुप्त हुई गौशालाएँ
Read Moreक्यों मन धधके बन कर गोला फुफकारे क्यों फूल चमन का, क्योंतृण-तृण सह पत्ता डोला? स्थिर सिंधु में हलचल क्यों
Read Moreभूलके भी दिल किसी का तोड़ना नहीं इंसानियत की राह कभी छोड़ना नहीं भूलना कभी न प्रेम-स्नेह की भाषा
Read More1.फागण आयो (गीत) सखी! आयो आयो रे, फागण आयो.. हथेलियों में रंग, गुलाल, अबीर भर लायो! हरियाली धरती ने सरसों
Read Moreजिसके बिन जीवन मे तम है ,दीप वही प्रकाशित नारी घर -आँगन जो सुरभित करती ,सुमन सुशोभित वह क्यारी। त्याग
Read More1.होली-हाइकु 1.प्रभु की लीला प्रहलाद बचाया जली होलिका. 2.जली होलिका हिरण्याकुश हारा ख़ुशी मनाओ. 3.ख़ुशी मनाओ रंग बरंगे रंगों से
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