आओ होलिका
होलिका छोड़ प्रह्लाद, जला दो अत्याचारी। करते निर्बल का शोषण, हिंसक दुराचारी। हर मां बहन बेटी है, मन भीतर डर
Read Moreमहक लुटाते कानन पावन नहीं रहे गोबर लिपे हुए घर-आँगन नहीं रहे — आज आदमी में मानवता सुप्त हुई गौशालाएँ
Read Moreक्यों मन धधके बन कर गोला फुफकारे क्यों फूल चमन का, क्योंतृण-तृण सह पत्ता डोला? स्थिर सिंधु में हलचल क्यों
Read Moreभूलके भी दिल किसी का तोड़ना नहीं इंसानियत की राह कभी छोड़ना नहीं भूलना कभी न प्रेम-स्नेह की भाषा
Read More1.फागण आयो (गीत) सखी! आयो आयो रे, फागण आयो.. हथेलियों में रंग, गुलाल, अबीर भर लायो! हरियाली धरती ने सरसों
Read Moreजिसके बिन जीवन मे तम है ,दीप वही प्रकाशित नारी घर -आँगन जो सुरभित करती ,सुमन सुशोभित वह क्यारी। त्याग
Read More1.होली-हाइकु 1.प्रभु की लीला प्रहलाद बचाया जली होलिका. 2.जली होलिका हिरण्याकुश हारा ख़ुशी मनाओ. 3.ख़ुशी मनाओ रंग बरंगे रंगों से
Read Moreगीत संजीवनी सी ये पीड़ा। आधार मेरे सपनों का।। बाटें खुशियाँ दुगनी हों, कहते ही दुःख हो आधा। पीड़ा हो
Read Moreघर का चिराग जब घर को जलाये क्या उस पर गर्व करूँ घर का भेदी ही जब लंका ढ़हाए क्या
Read Moreजाति – धर्म का दंश पुराना झेल रहा यह हिन्दुस्तान || कैसे कह दूँ कि सर्वधर्म का मेल रहा यह
Read More