गीत : नेता सब गूंगे बहरे हैं …
लहू लुहान है माँ का आँचल ,दाग बड़े ही गहरे हैं किससे अब फरियाद करें? नेता सब गूंगे बहरे हैं
Read Moreलहू लुहान है माँ का आँचल ,दाग बड़े ही गहरे हैं किससे अब फरियाद करें? नेता सब गूंगे बहरे हैं
Read Moreघनघोर घनन इस आंधी में तट पार दिखाई नहीं देता भारत माता की जय में जयकार सुनाई नही देता लूथड
Read Moreबनकर प्रलंयकारी ज्वाला , आज जवानों आग लगा दो, बरसों से प्यासी शमशीरों की शोणित से प्यास बुझा दो, कसम
Read Moreमैं बाबुल की बिटिया प्यारी बनकर कुल का नाम करूँगी, कभी ना कर पाया हो जिसने जग में ऐसे काम
Read More(हाफ़िज़ सईद द्वारा राष्ट्र्वादी समाचार चैनल ज़ी न्यूज़ को दी गयी धमकी पर ज़ी न्यूज़ का समर्थन करती मेरी नई
Read Moreनवरात्रि है आई ‘ नवरात्रि है आई भक्ति संग खुशियाँ ‘ उल्लास है लाई नवरात्रि है आई नवरात्रि है आई
Read Moreगांधी जी तेरे देश में हो रहा अजब कमाल जनता भूखें मर रही नेता मालामाल गांधी जी तेरे देश
Read More(Pok में भारतीय सेना की ऐतिहासिक कार्यवाही पर सेना और सरकार को बधाई देती मेरी नई कविता) धन्य धन्य भारत
Read Moreमन के कागद पर लिखो ,प्रिय मेरी तकदीर| हृदय कलम मसि नेह की ,रँगो धवल तस्वीर|| आखर-आखर जोड़
Read Moreहम अपने घर में बेगाने वाह ज़माना क्या कहने दुनिया गढ़ लेती अफ़साने वाह ज़माना क्या कहने युग समाज़वादी का मतलब लूट
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