मुक्तक
कोई अखबार दिखाता है। कुर्बानी याद दिलाता है। कोई कहता नहीं अब यहाँ, भ्रष्टमुक्त देश बनाना है॥ ———–@ रमेश कुमार
Read Moreदोहा *अपने पुरखों ने कही,बड़ी तथ्य की बात ।* *व्यर्थ खर्च करना नही,व्यर्थ स्वयं से घात ।।* रोला व्यर्थ स्वयं
Read Moreमिट्टी को कंचन करे, नहीं लगाता देर। दिखा रहा है आइना, समय-समय का फेर।१। समय-समय की बात है, समय-समय के
Read Moreभीगी पलकों से ख्वाब चुराना तो अदा है, भंवरें का फूल से पराग चुराना तो अदा है। तुम क्या जानो
Read Moreपावन पर्व राखी पर कता का प्रयास सजा कर थाल में कंकू, बहन की आ गई राखी लगा कर
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