माँ
मेरा दु:ख, माँ का दु:ख मेरी खुशी, माँ की खुशी चोट मुझे लगती है मेरी माँ रो पड़ती हैं। खाना
Read Moreजब कभी सोचता हूं भगवान है कि नहीं तभी एक आवाज दूसरी तरफ से आती है पूछती है छोड़ इसे
Read Moreकहना है ये दरबारों सेपेट नहीं भरता नारों से—सूरज-चन्दा में उजास हैकाम नहीं चलता तारों से—आम आदमी ऊब गया हैआज
Read Moreपरमात्मा ने मेरा यानी प्रकृति का सृजन किया हर तरह से सजाया-संवारा खूबसूरत बनाया फूलों से महकाया पक्षियों से चहकाया
Read Moreरसाल सी रसीली आम्र कानन बीच वह, वर्षा वारि धार साथ खेलती-नहाती है। प्रकृति सुंदरी समेट सुंदरता सकल, समाई है
Read Moreमौका मिल जाए अभी भी साधु बन जाऊंगा । प्रेमिकाओं की धोखा भजन समझ कर गाऊंगा ।। मौका मिल जाए
Read Moreआज जन्मदिवस दो ऐसे विद्वान व्यक्ति के, एक अनपढ़ रहे ताउम्र, कलम पकड़े नहीं और आतम-ज्ञान के संत हो गए
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