उम्मीदों का सपन सलोना
स्पर्श करती उत्तुंगता को, अंतस से उठती इच्छाएँ! संघर्षों से जीती जाती, जीवन की प्रतिकूल बलाएँ!! असमय कालचक्र में बिंधकर,
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Read Moreघने अंधेरे छायेंगे, विपत्ति भी डेरे लगायेंगे | देख प्रतिकूल हालातों को, शूल स्वयं बिछ जायेंगे || हर अवरोध को
Read Moreअच्छाई और बुराई के सारे निशान जग में हैं साथ हैं अच्छाई के जो, वो महान जग में है
Read Moreमत काट ये झाड़ पेड़ उन्होंने तेरा क्या बिगाड़ा है तेरे जन्म से तेरे अंत तक बस उनका ही सहारा
Read Moreफागुन की छायी बहार है ,सब मिल खेलो रंग । हर सू बिखरा रंग केसरी ,मनवा हुआ मलंग । होली
Read Moreहोली की मस्त बहार,रंग बरसाने दो। रंग दूँ रंग मैं लाल, पास तो आने दो। गोरी ओढ़ी लाल चुनरिया। काले
Read Moreतेरी राहों का अन्वेषी हूं, अकेला ही फिरता रहता हूँ, चलता रहता हूँ। कभी उधर कभी इधर तेरी यादों को
Read Moreमहक लुटाते कानन पावन नहीं रहे गोबर लिपे हुए घर-आँगन नहीं रहे — आज आदमी में मानवता सुप्त हुई गौशालाएँ
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