गीत
तोड़ा न जाए इक बिरहन से ये अश्रु का अनुबंध नयन से ठहरी है पलकों पर , न ढ़लके बिन्दु
Read Moreझील में खिलते कमल दल की कतारों की तरह तुम हसीं लगती हो बर्फीले पहाड़ों की तरह चांदनी आयेगी,खेलेगी कभी
Read Moreओड़ चुनरिया श्याम रंग की मोहे जाना है पी के देश। न मैं जानू रंग रूप न मैं जानू भाषा
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