गजल
आज गुलाब को गुलाब बेचते देखा मैंने, खुली सड़कों पर ख्वाब बेचते देखा मैंने। नन्हीं आँखों में लिए हुए छोटी
Read Moreझील में खिलते कमल दल की कतारों की तरह तुम हसीं लगती हो बर्फीले पहाड़ों की तरह चांदनी आयेगी,खेलेगी कभी
Read Moreओड़ चुनरिया श्याम रंग की मोहे जाना है पी के देश। न मैं जानू रंग रूप न मैं जानू भाषा
Read Moreकाल चक्र घूमता है, केन्द्र शिव को देखलो; भाव लहरी व्याप्त अगणित, परम धाम परख लो! कितने आए कितने गए,
Read Moreचंद अल्फाजों में कैसे हाले-दिल बयां कर दें ! तेरे ख्याल ने फिर… दिल को है उदास किया !! एतबार
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