कोई जीता नही कोई हारा नहीं…..मानस
कोई जीता नही कोई हारा नहीं। तुम मेरे ना हुये मै तुम्हारा नही।। बादलों से नमी तुमको मिल जाएगी, हम
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Read Moreमाना कि प्रदुषण फैलता है पटाखों से मगर, ख़ुशी के इजहार पर, पहरे लगाए नहीं जाते। पटाखों की जगह भूखों
Read Moreउन्मुक्त गगन का पंछी हूँ दूर कही जा उड़ जाऊंगा। लेकर तेरी यादों को संग अंबर की छोर में जा
Read Moreकार्तिक बदी चतुर्थी करवा क पर्व आया। अर्धांगिनी ने मेरी पानी पिया न खाया। पति की सलामती को करती कठिन
Read Moreचंदा चमकता है गगन में , प्रेम पर बलिहार है । करवा लिये बैठी सुहागिन कर रही मनुहार है ।।
Read More”हम कांटों से नहीं डरते, इसलिए गुलाब लगाते हैं, हम गमों से नहीं डरते, इसलिए उत्सव मनाते हैं.” उत्सवों में
Read Moreवक्त के साथ बदलना अच्छा है। चल मुसाफिर! अकेला चलना अच्छा है।। राह में और मौके भी मिलेंगें। मुहब्बत भी
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