श्रद्धा
इंसा का विश्वास जब किसी इंसा पे बढ़ जाता मन उसके लिये सम्मान, श्रद्धा संग शीश झुकाता।। सतकर्म सिख उसके
Read Moreहमने अपने-पराये देखे ख्वाब बड़े-बड़े सुहाने देखे गम का सागर देखा खुशियों का पिटारा देखा धूप-छाँव का खेल निराला देखा
Read Moreमंदम् मंदम् अधरम् मंदम् स्मित पराग सुवासित मंदम्। सरल सुबोधा ललिता रमणम् भगवद्गीता अति रमणम्। विरचित व्यासा लिखिता गणेश: अमृतवाणी
Read Moreमेरी परिभाषा में दोस्त वही है, जो सिर्फ विपदकाल में ही नहीं, बगैर काम के, बगैर नाम के अन्य दिवसों
Read Moreहोली (कविता) जब आपस में बंद होती है बोली, चलती बिन बन्दूक के गोली, भागी-भागी आती है होली, रंग-गुलाल लाती
Read Moreकिया जिसने सालों-साल देश की सत्ता पर राज। वो आज भी नहीं बन पा रही, विपक्ष के सिर का ताज। हार
Read Moreआखिर कब तक यूँ ही कोरोना का दंश सहेंगे? आखिर कब तक निज गृह में क़ैद रहेंगे। नीरव हो चुके
Read Moreश्रद्धा ही श्राद्ध है। इसमें कहाँ अपवाद है। सत्य …..सनातन सत्य। जो वैज्ञानिकता का आधार है। इसमें कहा अपवाद है।
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