भविष्यद्रष्टा माँ
रसोई से होते हुए देश दुनिया को अपने आँचल से समेटने की जी तोड़ कोशिश में लगी हैं । उनकी
Read Moreरसोई से होते हुए देश दुनिया को अपने आँचल से समेटने की जी तोड़ कोशिश में लगी हैं । उनकी
Read Moreलड़कों में उच्च शिक्षा पाए कितने साथी हैं हमारे क्या हमारी चादरों की लंबाई पाँव से बाहर होकर आवारागर्दी करने
Read Moreकह दो हिमालय से अरुणिमा सिन्हा ने कर दी है अभिमान वो तेरा चूर-चूर ! हे ओलंपिक ! देवेन्द्र झाझरिया
Read Moreएक दोस्त की वो बातें हमेशा याद आती है कि मैं कहता हूँ फटा है, पुराना है, पर मेरा बिहार
Read Moreबिजली कट जाने के बाद चुन्नू पढ़ने नहीं बैठते हैं मैडम खाना नहीं बनाती है, मोबाइल चार्ज नहीं हो पाती
Read Moreदिखावटी सैकुलरता दूर देश जब हुआ अन्याय, और इक “अश्वेत” की जान गई । सात समंदर पार,,, इस मेरे देश
Read Moreस्नेह प्रेम अनुराग बिन जीवन का कोई अर्थ नहीं बांधे रखता आपस में बस एक यही पतला सा स्नेह अनुराग
Read Moreमीठी बोली, आज से बोलनी है। जो भी बोलो, बात तो तोलनी है।। आओ आओ, आज तो गीत गायें। खेलें
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