बाल कहानी : मन्नत के पौधे
शिशिर नदी के किनारे बैठा था। आज उसका मन हमेशा की तरह बहुत विचलित था। थोड़ी देर बाद उसे एक
Read Moreशिशिर नदी के किनारे बैठा था। आज उसका मन हमेशा की तरह बहुत विचलित था। थोड़ी देर बाद उसे एक
Read Moreतितली रानी ! तितली रानी!!तेरा और न कोई सानी।। रंग -बिरंगी उड़ती – फिरती।फूल – फूल पर मानो तिरती।।पंख लाल
Read Moreजैसे भी करके नन्हा कुणाल टेबल को सरकाते हुए दीवार तक ले गया। टेबल पर चढ़ा। गौरैये के घोंसले तक
Read Moreतितली-रानी,ऐ तितली-रानीतुम लगती कितनी प्यारी होरंग-बिरंगे पंख कोमल तुम्हारेतुम लगती, कितनी न्यारी हो। यहाँ-यहाँ दिन भर मंडरातीऔर फूलों से नेह
Read Moreमाँ मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। वाह! मैदान भी हरा–भरा है। एक मुर्गी का बच्चा चीनू उछलते हुए अपनी
Read Moreइस बार सावन महीने में खूब बारिश हुई। लगातार तेरह दिनों तक सूरज के दर्शन नसीब नहीं हुए। अत्यधिक बारिश
Read More1 सूरज का है अंश कहाता।जलकर है अँधियार मिटाता।मिट्टी से वह बना हुआ हैरखता बाती – तेल से नाता। 2
Read Moreगणपति बप्पा आओ जी।मोदक मीठे पाओ जी।। अक्षर ज्ञान हमें करवाना।बातें ज्ञान भरी सिखलाना।।इंतजार मिटवाओ जी।गणपति बप्पा आओ जी।। एक
Read Moreमां, मैं छोटा-सा दीपक बनूंगा, अंधकार को रोशन कर दूंगा।। आंधी-तूफान में जलता रहूंगा, हौसले से उजियार भरुंगा।। नील गगन
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