ऋषिभक्त महात्मा वेदभिक्षु जी का प्रशंसनीय जीवन व वेदप्रचार कार्य
ओ३म् महात्मा वेदभिक्षु जी ऋषि दयानन्द के प्रमुख अनुयायियों में से एक थे। आपने वेद प्रचार के क्षेत्र में प्रशंसनीय
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Read Moreओ३म् अविद्या, अज्ञान व अन्धविश्वास ये सभी शब्द व इनसे उत्पन्न धार्मिक व सामाजिक प्रथायें परस्पर पूरक व एक दूसरे
Read Moreओ३म् मनुष्य व समाज की उन्नति आर्यसमाज में जाने व आर्यसमाज के प्रचार के कार्यों से होती है। आर्यसमाज का
Read Moreअंग्रेजों द्वारा भारत को पर्वों की भूमि कहा जाना आज भी उतना ही प्रासंगिक है। भारत की आत्मा धर्म पर
Read Moreछात्रों में गजब की संघर्ष करने,परिस्थति से लड़ने के साथ-साथ अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए जुझारूपन होता है। विशेषर
Read Moreओ३म् हमारा यह संसार लाखों व करोड़ो वर्षों पूर्व बना है। यह अपने आप नहीं बना और न ही स्वमेव
Read Moreओ३म् मनुष्य मननशील प्राणी को कहते हैं। परमात्मा ने इस संसार एवं इसके सभी प्राणियों को उत्पन्न किया है जिनमें
Read Moreओ३म् वैदिक धर्म एवं संस्कृति इस सृष्टि की आद्य एवं प्राचीन धर्म एवं संस्कृति है। यह धर्म व संस्कृति ईश्वर
Read Moreआप लोग जानते ही हैं, कि ‘सतरंगी समाचार कुञ्ज’ में सात रंगों के समाचार हम लिखते हैं, शेष रंगों के
Read Moreआपके समाचार पत्र दिनांक 26-10-19 को प्रकाशित संपादकीय लेख ‘किसानों ने ही शुरू की थी दीवाली’ पढ़ा। हिन्दू धर्ममानने वालों
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