ज़िन्दगी को समझने में देरी हुई
ज़िन्दगी को समझने में देरी हुई चोट खाकर संभलने में देरी हुई हाथ पर हाथ धरकर मैं बैठा रहा उनके
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Read Moreओ३म् संसार में ज्ञान व अज्ञान तथा सत्य व असत्य दो सर्वथा भिन्न बातें हैं। ज्ञान अज्ञान का विरोधी तथा
Read Moreओ३म् –वैदिक साधन आश्रम तपोवन में सामवेद पारायण यज्ञ सम्पन्न- वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून में सात दिवसीय सामवेद पारायण
Read Moreकिसलिए हम ख़ुश हैं क्यों हम मुस्कुराए जा रहे हैं.लोग कुछ इस बात पर ही ख़ार खाए जा रहे हैं.
Read Moreमोल जानता है सबके चेहरे में वह बात नहीं होती, थोड़े-से अंधेरे से रात नहीं होती, ज़िंदगी में कुछ लोग
Read Moreचलता है वह खूबसूरत एहसास लेकर, कीचड़ के छीटे गिरते उसी पर! चलता है वह रंगों का गुलाल लेकर, कालिख
Read Moreप्रीति – मम्मी मेरी चोटी कर दो मुझे स्कूल मे देर हो रही है। मम्मी- हाँ जल्दी आओ चोटी कर
Read Moreमेरे प्रिय मित्र भाई भरोसे लाल आया और बोले कि तैयार हो जाओ ग्राउंड जीरो पर चलना है। क्योंकि मेरा
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