ग़ज़ल
ना जाने कब ये हालात बदलेंगे, गरीबों के प्रति जज़्बात बदलेंगे। हिकारत की नजरों से देखते हैं, ना जाने कब
Read Moreमेरे मित्र भाई भरोसे लाल को दिन में गर्मी के कारण दो तीन बार खांसी आ गई तो बस अब
Read Moreसमावेशी नेतृत्व का अर्थ बड़ा ही व्यापक और संधर्ष करने वाला होता है, जो संयम, धैर्य और सहनशीलता के साथ
Read Moreसावन का पवित्र महीना है आया शिव भक्तों के चेहरों पर मुस्कान है लाया बम- बम भोले और हर -हर
Read Moreकभी जो थे मासूम से सूने-सूने बादल | अब दिखा रहे तरह-तरह के रंग बादल || झमा-झम-झम झड़ी लगा रहे
Read Moreराष्ट्र हित ————————- सर्वोपरि है राष्ट्र हमारा ,सर्वोपरि यह देश है | इसकी रक्षा के हित धारा,हमने यह नर वेश
Read Moreमुझे किसी के भी फालतू बातों में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं रहती थी । यह नहीं था कि मैं साधु
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