मुक्तक
सुनते रहिये गीत गायकी अपने अपने घर में। धोते रहिए हाथ हमेशा साबुन अपने घर में। आना जाना छोड़ कहीं
Read More(अनोखे विवाह विशेष कड़ी) आप लोग जानते ही हैं, कि ‘सतरंगी समाचार कुञ्ज’ में सात रंगों के समाचार हम लिखते
Read Moreनारी तुम माँ हो, बहिन हो, पत्नी हो, बेटी हो, कई अलग रूपों से गुजर कर भी तुम्हे किसने अबला
Read Moreकभी तो हमसे तुम मिलो,सुनो किसी दयार में कहो कभी मन की कही सुनो किसी दयार में।। जो बात दिल
Read Moreवो मनभावन सावन मेरा इस बारी फिर से आया है प्यारे मायके की यादों का रेला संग में फिर से
Read Moreगरज उठा फिर ! सिंह आज कायर स्यार छिपा है माद गड़ी है आँँखें उल्लू की सरहद पर लोमड़ नाद
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