मधुबन
तूफ़ानों का मंज़र है, मंझधार में है कश्ती, डूब जायें या तर जायें, देखें अब कैसा समंदर होगा! दिन बीतें,
Read Moreक्यों अच्छा लग रहा है न? अब पंछियों की तरह कैद होकर तुम ही तो कहते थे न, सब कुछ
Read Moreआज भी कहीं… दूर गावों में आधुनिकता और दिखावे से दूर दिखते हैं आत्मीयता से भरे रिश्ते और उन रिश्तों
Read More1.इस लॉकडाउन से सभी परेशान हैं, कोई किसी को देखने के लिये, कोई किसी को देख-देखकर. 2.जब दुनिया कहती है
Read Moreपीड़ा से अनबन हो जाये ,आँखों से मोती ढलते हैं ! आशाओं के दर्पण चटके ,छन से तो आवाज हुई
Read Moreउम्मीद की इक किरण को यूँ जलाएं रखना, उम्मीद से हर कदम को ही कामयाब करना। अन्याय व शोषण के
Read Moreघर में रहना, घर में रहना , सबसे विनती , कहना है । कोरोना है बड़ी बीमारी , सबको बचके
Read Moreपौराणिक वृतांतो के अनुसार त्रेता युग में भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम का जन्म भृगु श्रेष्ठ महर्षि जमदग्नि द्वारा
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