कविता

सुनके ज़्यादा भी करोगे तुम क्या

सुनके ज़्यादा भी करोगे तुम क्या, ध्वनि कितनी विचित्र सारे जहान; भला ना सुनना आवाज़ें सब ही, चहते विश्राम कर्ण-पट देही ! सुनाया सुन लिया बहुत कुछ ही, सुनो अब भूमा तरंग ॐ मही; उसमें पा जाओगे नाद सब ही, गौण होएँगे सभी स्वर तब ही ! राग भ्रमरा का समझ आएगा, गुनगुना ब्रह्म भाव भाएगा; सोच हर हिय का ध्यान धाएगा, कान कुछ करना फिर न चाहेगा ! जो भी कर रही सृष्टि करने दो, सुन रहे उनको अभी सुनने दो; सुनो तुम उनकी सुने उनको जो, सुनाओ उनको लखे उनको जो ! गूँज जब उनकी सुनो लो थिरकन, बिखेरो सुर की लहर फुरके सुमन; बना ‘मधु’ इन्द्रियों को उर की जुवान, रास लीला में रमे ब्रज अँगना !

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विविधसंस्मरण

एकसमय फ़िल्मों से संन्यास ले चुके ‘अमिताभ बच्चन’ को मेरे पत्र ने उबारे थे !

भारतीय फिल्मों के महानायक श्रीमान् अमिताभ बच्चन अपने व्यक्तित्वों और कृतित्वों को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं. डेब्यू फिल्म

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

कई रामायण हैं, पर एक ही है ‘हनुमान चालीसा’ !

सनातन धर्म के विद्वान् धर्माचार्यों के अनुसार इतिहास में कई ‘रामायण’ ग्रन्थ का उल्लेख है, शायद 300 से ऊपर !

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राजनीतिलेखविविध

माननीय श्री उद्धव ठाकरे के जीवन में अंक ‘9’ का महत्व !

महाराष्ट्र के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में 59 बरस के श्री उद्धव बालासाहब ठाकरे ने शिवाजी पार्क में ‘मराठी’ भाषा

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राजनीति

क्या 20 जुलाई 1969 को भारत के राष्ट्रपति के शपथग्रहण संवैधानिक तरीके से नहीं हुए थे ?

20 जुलाई 1969 को मानव ने न केवल चाँद पर पहुँचे, अपितु भारत में इस तिथि क्हुओ त बड़ी घटना

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