ग़ज़ल
मुझको जो करना है करता रहता हूँ। झेल झमेले सारे चलता रहता हूँ। अपनी नज़रों में बस अच्छा रहता हूँ।
Read Moreपप्पू के घर में कई दिनों से सबह शाम दाल और सब्ज़ी ही बन रही थी।आज सबका कढ़ी खाने का
Read Moreहमारी पड़ोस में रहने वाले वर्मा जी स्टेट बैंक में मैनेजर थे। सेवा निवृत्त हुए लगभग दस साल हो चुके
Read Moreहमारे गौरवशाली सनातन धर्म में हम सभी का अपनी मिट्टी में लालन-पालन करने वाली पृथ्वी को माँ का दर्जा दिया
Read Moreहे ईश्वर ! अब दया करो , तुम मुझे जन्म दिये हो , मै तेरा अनबुझ बालक हूं , तेरे
Read Moreपालघर पराया लगता अब भारत की माटी में। यही देखना बाकी था ठाकरे की परिपाटी में॥ धरा पर जब रक्षक
Read Moreकोई पिता के नाम से जाने जाते हैं, कोई दादा-परदादा के जमींदाराना ‘स्टेटस’ से पहचाने जाते हैं, किंतु यह पहचान
Read Moreदशानन आज परेशान है और बाइक पर बदहवास भागे जा रहा है, इस कारण से नहीं कि उनकी आज हत्या
Read Moreजब से सोशल मीडिया का चस्का लगा है, कई विचारों से अवगत हो रहा हूँ. कहीं से प्रेम मिल रहा
Read More