अच्छों की चुप्पी से दुनिया बुरी है
अपराजिता बेटी स्नेह। तुम्हारी पीड़ा कष्टदायक है। ससुराल में दुर्व्यवहार आरोप ताने शारीरिक यातना मानसिक चोट आर्थिक संकट भेदभाव पीहर
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Read Moreकुछ इस तरह से लाकडाउन का मजा लीजिए रुठी है यदि महबूबा तो चुपचाप मना लीजिए! घास मिलती है गले,
Read Moreओ३म् मनुष्य इस संसार में कहां से आया है उसे इसका ज्ञान नहीं है? सभी मनुष्यों की मृत्यु निश्चित है।
Read Moreओ३म् मनुष्य के जीवन का आरम्भ जन्म से होता है और मृत्यु पर समाप्त हो जाता है। बहुत से लोग
Read Moreमेरा पड़ोसी कभी रोटी बना रहा है कभी चावल बना रहा है और कभी झाड़ू लगा रहा है कभी कपड़े
Read Moreभजन1. एक विनती है ईश्वर, एक बार तो आ जाना, दुख दर्द गरीबों का, तुम आके मिटा जाना। दर छोड़
Read Moreआज खबरों में जहाँ जाती नज़र है। रक्त में डूबी हुई होती खबर है। फिर रहा है दिन उजाले को
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