जैसा कर्म वैसा फल – मृत्युदंड
सामाजिक व्यवसाथा में जुर्म का कोई स्थान नही है चाहे वह किसी प्रकार का क्यूँ न हो?सभी जुर्म के लिए
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Read Moreमौजूदा हालात के भारत में बेरोजगारी की वास्तविक स्थिति किसी से भी छिपी हुई नहीं है । शुरुआती दिनों में
Read Moreघर की बिटिया, रही सिसकती, हैं मंत्री, नेता मस्त यहां। नोच रहे हैं जिस्म भेड़िए, सब के सब हैं व्यस्त
Read Moreभगवान श्री कृष्ण का सारा जीवन प्रेरणाओं से भरा है। उन्होंने धर्म और सत्य की स्थापना के लिए जीवन भर
Read Moreप्रिय बापू आप अमर थे! अमर हैं!और अमर रहेंगे! क्योंकि जो आपने कहा, जिया और गढ़ा, ‘सत्य ही ईश्वर है’
Read Moreसाहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली के बोली विकास मंच द्वारा मासिक कवि सम्मेलन करवाया गया।जिसमें राजीव और खुशबू को उनकी
Read Moreपीकर शराब इंसान शैतान बन गया था, छोड़कर ईमान युवा हैवान बन गया था। नोचा था बदन मिलकर, मार कर
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