लोग जा चुके घर को सारे
लोग जा चुके घर को सारे, मुझको यूँ बेज़ार छोड़ के। फिर भी मैं बैठा हूँ, जाऊं कैसे ये
Read Moreलोग जा चुके घर को सारे, मुझको यूँ बेज़ार छोड़ के। फिर भी मैं बैठा हूँ, जाऊं कैसे ये
Read Moreआहटें, चौखटों तक अब मेरी, आती कम हैं। औ’ हवाएं भी खिड़कियों को हिलाती कम हैं।। गलियाँ सूनी, बदमिज़ाज़ सड़कें
Read Moreओ३म् हम मनुष्य हैं। हम वेदों एवं अपने पूर्वज ऋषियों आदि की सहायता से जानते हैं कि संसार में जितनी
Read Moreओ३म् वेद शब्द का अर्थ ज्ञान है। वेद नामी ज्ञान ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद एवं अथर्ववेद नाम की चार मन्त्र संहिताओं
Read Moreबस एक शब्द बसे जिसमें सभी तीरथ व चारों धाम सभी संताप मिट जाते जो हृदय से ले लो उनका
Read More” अनोखा सावन ” ” दो तीन दिन से आप बहुत खुश लग रहे हो , कुछ खास बात है
Read Moreबदलते मौसमों की क्या बात करें ।। आज वो बात कर रहे है हमसे, बदलते हुए मौसम की देखो
Read Moreसदाबहार काव्यालय: एक पुनरावृत्ति सदाबहार का नाम लेते ही आपके समक्ष ऐसे सदाबहार फूलों का दृश्य प्रस्तुत हो गया
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