जो रस्मों को मन से माने
जो रस्मों को मन से माने, पावन होती प्रीत वही तो! जीवन भर जो साथ निभाए, सच्चा होता मीत वही
Read Moreजो रस्मों को मन से माने, पावन होती प्रीत वही तो! जीवन भर जो साथ निभाए, सच्चा होता मीत वही
Read Moreन जाने क्यूँ मैं अक्सर ही भटक जाता हूँ उसकी आँखों में कोई तो जंगल रहता है और फिर मैं
Read Moreये न पूछ कि वो मेरा क्या लगता है कभी खुदा, कभी सनम लगता है बिजलियाँ कड़क उठती हैं मुझमें
Read Moreमां की ममता है स्नेह अगाध से भरा हृदय गजब है सहने की क्षमता एक ओर दुनिया सारी एक
Read Moreसोच-समझकर शब्द बोलें शब्दों की भारी भीड़ से एक से बढ़कर एक शब्द चुनकर रंगबिरंगी माला जब सजने लगी मानो
Read Moreलोकतंत्र की धज्जी उड़ गयी, इस चुनाव की आँधी में शोर ‘चोर का’ चोर मचाए, इस चुनाव की आँधी में।
Read Moreपरिवर्तन है नियम प्रकृति का, परिवर्तित चहुँ दिश होती है। मन, समाज, स्थिति, ऋतुओं में, सृष्टि नवल कुछ तो बोती
Read Moreइस पृथ्वी के सम्पूर्ण पर्यावरण और प्रकृति को जितनी तबाही और विनाश इस मनुष्य प्रजाति ने किया है, उतना करोड़ों
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