विधा- चौपई / जयकरी छंद
भारी भीड़ लगी है मोल, रख अपना दरवाजा खोल छूट न जाए कोई होल, न कोई रगर न मोलतोल।।-1 पैसा
Read Moreभारी भीड़ लगी है मोल, रख अपना दरवाजा खोल छूट न जाए कोई होल, न कोई रगर न मोलतोल।।-1 पैसा
Read Moreभुला के वादे…भूला के कसमें लाए डोली… किसी और की सजना उतर के डोली, जब आँगन तेरे उसने पायल छनकाई
Read Moreपंडित रामलाल मिश्र एक समाजसेवक हैं । अपने नजदीकी लोगों में पंडितजी ‘मिसिरजी ‘ के उपनाम से मशहूर हैं ।
Read Moreआंतकियों के इस एनकाउंटर पर देखो मचा है बवाल, जिसे देखो उठा रहा है वो इस एनकाउंटर पर सवाल। कोई
Read Moreमहकता है जहाँ सारा मुहब्बत की बदौलत ही मुहब्बत को निभाने में फिर क्यों सारे झमेले हैं http://wp.me/p7uU2K-1L5 गज़ब हैं
Read Moreधनिया धीरे धीरे चलती हुयी कक्ष के बाहर दालान में आ गयी । बाबू उसे सहारा देने के लिए उसके
Read Moreमापनी – 122 122 122 122 ===================================== कभी गीत लिखना हमारे लिए तुम । नहीं राज कहना हमारे लिए तुम
Read Moreक्या लिखूँ कैसे लिखूँ , छन्द जब आता नहीं । भावना तूफान मन्मथ छन्द रस भाता नहीं । कल्पनाओं का
Read Moreजीने का इतना शौक नहीं हमें जो उसके इश्क़ से किनारा कर दे, अभी इस दरिया में कूद जाऊं, अगर
Read Moreओ३म् हमारा देश अनेक पर्व और आध्यात्मिक मूल्यों का देश है। सभी पर्वों को मनाने के पीछे एक केन्द्रीय विचार
Read More