दोहे “दूषित है परिवेश”
लड़की लड़का सी दिखें, लड़के रखते केश। पौरुष पुरुषों में नहीं, दूषित है परिवेश।। — देख जमाने की दशा, मन
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Read Moreमुक्तक जन्नत है यहीं पर उनके पाँवों में मिलता है सुकून इनकी पनाहों मैं हर बला जिसके दम से टल
Read Moreमुक्तक दिलबर तिरे बगैर मैं जी नहीं सकता ज़हर जुदाई का और पी नहीं सकता ज़िन्दगी की चादर भी इतनी
Read Moreमुक्तक सच में ऊबे हम इन यारानों से लोग अब पलटने लगे ज़बानों से रिश्ते मतलब से यहाँ बनाते हैं
Read Moreमुक्तक मेरे ख़तों का आज जवाब आया है बीते हुए पलों का हिसाब आया
Read Moreमुक्तक जीवन में तो प्यार जरुरी होता है ! आँखों से व्यापार
Read Moreआबादी के दंश से पर्यावरण खराब । आबादी को रोक के, धरा करेंगे साफ।1। पेड़ों में ब्रम्हा ,विष्णु ,पेड़ो
Read Moreसही नहीं पर्यावरण, भारत में प्रभु आज। जंगल कटते जा रहें, नहि आयें सब बाज। नही बढाना है अगर, जनमानस
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