बालोपयोगी लेख

बुराई पर अच्छाई की जीत

दशहरा त्यौहार खुशी और उमंग का त्यौहार है दशहरा शब्द का मतलब दश हर अर्थात 10 बुराइयों पर जीत इसलिए इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक मनाया जाता है।दशहरा का त्यौहार संपूर्ण भारत में उत्साह और धार्मिक निष्ठा के साथ मनाया जाता है।यह भारत में सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार में से एक है इसके […]

बालोपयोगी लेख

दर्जी चिड़िया

प्यारे बच्चो,सदा खुश रहो, आज हम आपको ऐसी चिड़िया से मिलवा रहे हैं, जो सिलाई करती है, इसलिए इसे दर्जी चिड़िया कहते हैं. यह चिड़िया हरे रंग के पत्ते से अपना घर बनाती है, वो भी उसे चोंच की मदद से सिलकर. इसे अंग्रेजी में टेलरबर्ड (Tailor bird) कहते हैं. वह पत्तियों को आपस में […]

अन्य बाल साहित्य बालोपयोगी लेख

प्रदूषण हटाओ, पर्यावरण बचाओ

प्रिय बच्चो, सदा खुश रहो, आपके नाम हमारा यह पहला पत्र है. हमने आपको खुश रहने का आशीर्वाद दिया है, इससे आप सब बहुत खुश होगे और खुश होना भी चाहिए. पर एक बात याद रखने की है, कि खुश रहने के लिए स्वस्थ रहना आवश्यक है और स्वस्थ रहने के लिए शुद्ध पर्यावरण. पर्यावरण […]

अन्य बाल साहित्य बालोपयोगी लेख

फल-सब्जियां खाओ, चुस्ती-तंदुरुस्ती पाओ

प्यारे बच्चो, आयुष्मान-बुद्धिमान-सेवामान, आओ बच्चो आज आपको हम फल-सब्जियां खाने के फायदों के बारे में बताएं. सबसे पहले तो आप यह जान लें, कि स्वास्थ्य और आहार यानी भोजन का अटूट रिश्ता है. जैसा भोजन हम खाते हैं, वैसा ही हमारा स्वास्थ्य होता है. फलों और सब्जियों से विभिन्न प्रकार के विटामिन, खनिज और फाइटोकैमिकल्स […]

अन्य बाल साहित्य बालोपयोगी लेख

सवाल-जवाब

प्यारे बच्चो, आयुष्मान-बुद्धिमान-सेवामान, बहुत दिनों से आपके साथ मुलाकात नहीं हुई. इसके पहले कि आप हमसे सवाल-जवाब आज हम आपसे सवाल-जवाब करते हैं. इस पत्र की विशेषता यह है, कि सवाल भी हमारे और जवाब भी हमारे. ये सवाल-जवाब आपके प्यारे चाचू सुदर्शन खन्ना ने लिख भेजे हैं. – सवाल: मोटर गाड़ियों से निकलने वाली […]

बालोपयोगी लेख

निबंध लेखन : एक कला

किसी विषय का पूर्ण किन्तु संक्षिप्त और सरल परिचय देना ही निबंध लेखन की सबसे बड़ी विशेषता है| निबंध शब्द ‘बंध’ शब्द के  पहले   ‘नि’ उपसर्ग लगने से बना है जिसका अर्थ होता है अच्छी तरह बाँधना – “सुबंधन” | यह कार्य तभी अच्छी तरह से पूरा होता है जब लेखक को विषय की […]

बालोपयोगी लेख

व्यक्तित्व त्रय

भारतरत्न ‘नानाजी देशमुख’ को हम विस्मृत कर गए क्या ? जयप्रकाश नारायण, नानाजी देशमुख और राममनोहर लोहिया के बीच समानता तो है, एतदर्थ इन तीनों को निःसंकोच तुलना-त्रयी कहा जा सकता है । तीनों समाजवादी हैं, किन्तु राष्ट्रवादी हैं । तीनों को हिंदुत्व संस्कृति भाए हैं, किन्तु धर्मनिरपेक्षता को वे ‘मिस’ नहीं कर सकते थे। […]

बालोपयोगी लेख

साहित्य के सिपाही

31 जुलाई 1880 को ईदगाह के परिपक्व बचपना की तस्वीर को दुनिया में लेखनी के माध्यम से दिखाने वाले धनपत राय श्रीवास्तव का जन्म हुआ।प्रेमचंद’ नाम रखने से पहले, सरकारी नौकरी करते हुए वे अपनी रचनाएं ‘नवाब राय’ के रूप में प्रकाशित करवाते थे, लेकिन जब सरकार ने उनका पहला कहानी-संग्रह, ‘सोज़े वतन’ जब्त किया, […]

बालोपयोगी लेख

अच्छी आदतें जो हमारे बढ़ते बच्चों के पूर्ण विकास के लिए अनिवार्य हैं

बच्चे अपने माता-पिता को हमेशा अपना मापदंड मानकर अपनी आदतों को मोड़ देते हैं। तो बच्चों को अच्छी आदतें सीखाना और स्वयं भी उस पर अमल करना हमारे दायित्वों की लिस्ट में शामिल हो जाता है। आईये जानें कुछ अच्छी आदतें जो हमारे बढ़ते बच्चों के विकास के लिए अनिवार्य हैं। 1.उन्हें बाहर खेलने दें […]

बालोपयोगी लेख

गुरु-शिष्य के बीच अद्वितीय संबंध

भारतरत्न श्री सचिन तेंदुलकर के क्रिकेट गुरु और द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित पद्मश्री रमाकांत विठ्ठल अचरेकर का जन्म 1932 को मालवण, बम्बई में हुआ था, जिनकी मृत्यु लम्बी बीमारी के बाद 2 जनवरी 2019 को हो गई। वह दादर, मुंबई के शिवाजी पार्क में युवा क्रिकेटरों को प्रशिक्षित के लिए सर्वाधिक प्रसिद्ध रहे, खासकर भारतरत्न […]