ग़ज़ल- “वो एक पल”
वो कितना सुखमय अवसर था. हम दोनों का मौन मुखर था शब्दों ने चुप्पी साधी थी, बोल रहा अक्षर-अक्षर था.
Read Moreवो कितना सुखमय अवसर था. हम दोनों का मौन मुखर था शब्दों ने चुप्पी साधी थी, बोल रहा अक्षर-अक्षर था.
Read Moreकलम उठाई है जो तुमने बेटी का अधिकार लिखो शिक्षित हो बेटी हर घर में वीणा का अवतार लिखो लिख
Read Moreवो सूखी लीद तुम अपने तबेले से हटा लेना। जहाँतक हो सके सब गंद चादर की छुड़ा लेना। तुम्हारे घर
Read Moreग़ज़ल( जिंदगी) जिनके साथ रहना हैं नहीं मिलते क्यों दिल उनसे खट्टी मीठी यादों को संजोने का है खेल जिंदगी।
Read Moreमेरे वादे मुझे याद हैं हमसफर, तेरे वादे तुझे याद हों कि ना हो। तुमको दिल में बसाया है दिल
Read Moreमां मुझे फिर फिर गोद में अपनी सुला लो प्यार से सर हाथ फेरो और बला लो। डर मुझे लगने
Read Moreबचपन से हमें याद दिलाती थी दादी नानी। जितनी आवश्यकता हो, उतना ही खर्च करो पानी।। बडे़ बूढ़ों की बात
Read Moreकुछ दिन पहले दिल्ली की एक स्नेहा नाम की लड़की की दोस्ती जयपुर के एक समीर नाम के लड़के से
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