ग़ज़ल
तनहा रातों का उदास मंजर जब होता है दिल तन्हाई के साये में सिसक के रोता है गुम होता है
Read Moreओ३म् देश को अंग्रेजों के अत्याचारों से मुक्त कराने तथा गुलामी दूर कर देशवासियों को स्वतन्त्र कराने के मन्त्रद्रष्टा शहीद
Read Moreइक आग सी अब सारे दिलों में जलाना जरुरी है इन पाकिस्तानियों को सबक सिखाना जरुरी है दे दी बहुत
Read Moreओ३म् वेदाध्ययन करते हुए विचार आया है कि संसार की भाषा में समयानुसार परिवर्तन होते रहते हैं। एक भाषा का
Read Moreसात पंक्तियों की रचना ……. पहली पंक्ति एक वर्ण सातवीं पंक्ति सात वर्ण जी नन्हीं नीड़ में संवर्धक मनु सिखाते
Read Moreस्नेहा तथा समीर आॅफिस में थे तभी तभी रूपाली ऑफिस में आयी और उसने स्नेहा को एक कार्ड दिया स्नेहा
Read Moreदूर तक जहां भी जाती है नजर एक सूना सा मंजर आता है नजर… वीरान सी गलियां है, हर आंगन
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