ग़ज़ल : साहिल पर बैठकर…
साहिल पर बैठकर लहरों का मजा लेते हैं, हम तो किनारे पर ही खुद को डुबा देते हैं। हमसे गलतियां
Read Moreसाहिल पर बैठकर लहरों का मजा लेते हैं, हम तो किनारे पर ही खुद को डुबा देते हैं। हमसे गलतियां
Read Moreपता नहीं यह दुर्भाग्य केवल उस नौजवान का है या पूरे देश का जिसके झोले में डिग्री , जेब में
Read Moreक्या किया किसने किया यह क्यूँ किया, कुछ तो बता घर जला उसे सह लिया पर क्यूँ जला कुछ तो
Read Moreझिनकू भैया कल शाम को टघरते टघरते आये और बैठक में आसन जमा कर बैठ गए। पूछ लिया, आज शाम
Read More1- दिखता जो होता कहाँ, दृश्य धुंध नहि साँच, भाई बेटा द्वय सगे, किसको आए आँच किसको आए आँच, कौमुदी
Read Moreमात्रा भार- 32, 16-16 पर यति…..समांत- आ के, पदांत- न जा,…….. हँसा सकी न दर्द को मेरे, इनॉसुओं को रुला
Read Moreमधुर आम उपवन उपज, करते सब रस पान | तिक्त करेला कटु बहुत, करता रोग निदान || काला जामुन है
Read Moreजागो भैया अभी समय है, वर्ना तुम भी जी न सकोगे। गंगा का पानी दूषित है, गंगाजल तुम पी न
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