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कहे कबीरा निंदक नियरे राखिए, आँगन कुटी छवाय, बिन पानी, साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय। आज के परिवेश से यह
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Read Moreये वही अयोध्या है, जो श्री राम वाली है। जो दीप* नही इस नगरी, वो किस काम वाली है।। जो
Read More” शोषित ( अनाथ ) बेटियों की आवाज़ ” देकर रोटी ,कपड़ा , छत छीनो न हमारा स्वाभिमान, ऊँचे महलों
Read Moreराहों में जिंदगी के ,यूं गुज़ारी जिंदगी। कभी अज़नबी लगे,पर है हमारी जिंदगी। मीलों में ये फैली है,जमीं से सितारों
Read Moreचांद सितारे फूलों की लड़ियां अच्छा सोचना। किस किसके घर में आज बुझा है दीया सोचना। कितने महफूज़ हैं उसकी
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