ग़ज़ल
लिपटता हुआ सा लगे गुल शजर से धनक सा लगे है, कसकता जिगर से मचलती उसाँसें यही कह रहीं हैं
Read Moreजागती ही रही ,रात मद से भरी मन की कोकिल, विरह राग गाती रही। तुम न थे, पर चकोरी भरी
Read Moreखुदाई के दौरान मिट्टी के बर्तन भी पाए गए | प्राचीन काल से ही मिट्टी के बर्तनों का उपयोग होता
Read Moreइलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के जरिए लेखन भले ही सरल प्रक्रिया हो गई हो |कलम के माध्यम से जो विचार और अक्षर
Read More” बेटा , कथरीसाज आया है । पुरानी साड़ियाँ जो निकाली थीं लेकर आना जरा।” मेरी माँ बुला रहीं थी
Read Moreअद्भुत है जीवन की सीढ़ी पार करते ही एक दूसरी आ जाती है सभी की है अपनी मंजिल सभी का
Read Moreकब जीवन है सुखद सरल सा , कठिनाई में ढलना है। शीष धार लकड़ी का गठठर ,तीव्र वेग से चलना
Read Moreमां मैं तुम्हारे अंदर हूं मुझे मत मारो मैं भी जीना चाहती हूं दुनिया देखना चाहती हूं मां मैं तो
Read Moreजिस तूफ़ान का अनुमान मौसम वैज्ञानिकों ने करीबन हफ्ते भर पहले ही लगा लिया था, शुक्रवार को उसने उड़ीसा तट
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