हे ईश् !
हे ईश् ! लोग तुम्हें ढूंढते हैं, कभी किसी मंदिर में कभी किसी मस्जिद में। पर मैंने तुम्हें ढूंढा अपने
Read Moreसूरज का कोप गर्मी बन बरस रहा धरती का आँचल पानी बिन तरस रहा वक्र हवा सर्पिणी सी
Read Moreन जाने फ़िज़ाओं में क्या हुआ होगा जब संदली हवाओं ने तुमको छुआ होगा आँखें लज़्ज़त,लब चाशनी,गाल गिलोई मिल कर
Read Moreधर्म-अर्थ-काम-मोक्ष को मानव जीवन के चार लक्ष्य माना गया है। मोक्ष प्राप्ति की कामना एक भारतीय के मन में तब
Read Moreखुशियों के गन्धर्व द्वार द्वार नाचे । प्राची से झाँक उठे किरणों के दल , नीड़ों में चहक उठे आशा
Read More