कविता

ऋणमुक्त देश

देश का विकास हो यह भावना होनी चाहिए|

हर किसी को यह प्रयास करना चाहिए||

भाषा,धर्म का भेदभाव मिटाकर एकता रहनी चाहिए|

हर किसी के मन में देश के प्रति प्रेम होना चाहिए||

स्वदेशी चीजों को लेकर देश को आत्मनिर्भर बनाना चाहिए|

ऋण मुक्त देश बनाने की पहल होनी चाहिए||

भ्रष्टाचार को जड़ से मिटा देना चाहिए|

इसके खिलाफ सख्त कानून बनना चाहिए||

भाई चारे से रहें सभी एकता का भाव होना चाहिए|

सबको साथ कदम से कदम मिलाकर चलना  चाहिए

— पूनम गुप्ता

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश