प्रेम
समिधा का पूरा परिवार प्रेम के देवता विष्णु जी को अपना इष्ट मानकर मन से उनका पूजन करते थे. समिधा
Read Moreकितना अद्भुत और सटीक विषय है- समानांतर ब्रह्मांड या पैरेलल यूनिवर्स जैसी बातों से आप कितने सहमत हैं?समानांतर ब्रह्मांड का
Read Moreखो गया है बचपन मेरा, नफरत की दीवारों में,कहां रहा है इतना ताप अब, जलते हुए अंगारों में!जब मैं रोऊं
Read More“मुझे किसने पुकारा है?” इधर-उधर देखते हुए सूर्य देव ने आश्चर्य से कहा.“दुखियारी या सुखियारी के सिवाय आपको और कौन
Read Moreदेविका के सुपुत्र में कोई कमी नहीं थी. सुंदर, सुशील, ज्ञानवान, उच्च शिक्षित था उसका सलोना. सीखने-सिखाने का हुनर भी
Read Moreचलने की कोशिश की थी, चल नहीं पाए,चाहा था संभलना, संभल नहीं पाए,रुकेगा यह सिलसिला अवश्य एक दिन,झिलमिल होंगे उद्यम-सितारे
Read Moreराष्ट्र के विकास के लिए एक रहना है,एकता राष्ट्र-विकास का बेमोल गहना है,राष्ट्रीय एकता दायित्व हमारा ही है,कर्तव्यों का पालन
Read Moreवनिता की सहेली सुश्मिता की बहिन की शादी थी. सुश्मिता ने उसे बड़े प्रेम से आमंत्रित किया था और वह
Read More“दीदी, आज मेरे लिए क्या-क्या बनाया है?” सुबह-सुबह भाई का फोन आ गया.“तुम्हारी पसंद के गुलाबजामुन और भाभी की पसंद
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