मुझको निपट स्वारथी बनना
खुद को सुखी बनाने के हित, सबका सुख है सृजित करना। नहीं करना है मुझे परमारथ, मुझको निपट स्वारथी बनना।।
Read Moreखुद को सुखी बनाने के हित, सबका सुख है सृजित करना। नहीं करना है मुझे परमारथ, मुझको निपट स्वारथी बनना।।
Read Moreस्थिरता तो शब्द मात्र है, इसको ना तुम जाना भूल। परिवर्तन ही परिवर्तन है, परिवर्तन जीवन का मूल।। षड् ऋतु
Read Moreस्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ। उनकी मृत्यु 4 जुलाई 1902 को बेलूर मठ, हावड़ा
Read Moreवसंत कई दिनों के वियोग यात्रा की थकान हो गया था सर्द बेरोजगारी के दर्द को समेटे हुए घर वापस
Read Moreघर लौटा वसंत लगभग दस माह की अविरल यात्रा के बाद थकान, मलिनता और क्लांति के भावों को चेहरे पर
Read Moreसुबह-सुबह कैलेंडर पर नजर गई दिख गया वसंत! खिड़की खोलने की कोशिश की नहीं खुली, जाम के कारण। जाम की
Read Moreकल 26 जनवरी है। इस दिन को हम लोग गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। हर वर्ष मनाते हैं।
Read Moreस्वामी विवेकानन्द का कार्य अभी भी पूरा नहीं हुआ है। स्वामी जी की जयन्ती पर हम उनके सपनों को साकार
Read Moreध्यान वर्तमान समय में बहु प्रयुक्त शब्द है। इसकी चर्चा केवल योग और आध्यात्म के क्षेत्र में ही नहीं चिकित्सां
Read Moreभले ही कोई साथ नहीं है, भले ही, हाथ में हाथ नहीं है।दूरी भले ही बनाई तूने, नहीं कहा कभी,
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