कृपाशंकर
आंसू किसी के भी हों, देखकर चुप रहना मुश्किल होता है. कृपाशंकर के साथ भी ऐसा ही था, हालांकि अपने
Read Moreघर में अचानक मेहमान आ जाने के कारण माँ जी राशन लेने बाजार गई थी। सालों बाद भी लोगों ने
Read Moreअनुज स्नेह। सात रंग मन में समाए हुए गत वर्ष जब पीहर में तुम्हारी कलाई पर राखी सजाई थी तो
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