लघुकथा – घर का सुख
स्कूल के बगल में आर्मी का ट्रांजिट कैंप होने के कारण आते- जाते फौजी वहां रुकते। घर से आते फौजी
Read Moreस्कूल के बगल में आर्मी का ट्रांजिट कैंप होने के कारण आते- जाते फौजी वहां रुकते। घर से आते फौजी
Read More“माँ, तुम मेरी चिंता क्यों करती हो?” “क्यों न करूँ,अभी तक न तुम्हारी नौकरी लगी है और न शादी हुई
Read Moreमिस्टर शर्मा और कमल कांत बचपन के साथी तो थे ही आज भी सुख दुख के साथी हैं | दोनो
Read Moreपेड़ को नई कोंपलों से भरा देख अंकुर चकित हो गया। दस दिन पहले तक पेड़ में एक भी पत्ता
Read Moreरेणु और उसकी सहेलियां उस विवाह समारोह में सजी-धजी हुईं सेल्फ़ी
Read More‘अजी, उठिए न। आज आपके हाथ की बनी चाय पीनी है। बहुत दिनों से आपके हाथ से बनी चाय नहीं
Read Moreमम्मी….मम्मी….. सुनिए न! क्या हुआ मेरी गुड़िया? प्रातःकाल से इतना शोर क्यों मचा रही हो? मम्मी…..मिन्नी स्वरबद्ध होकर बोली और
Read Moreमाह भर ही हुआ था महनूर का हसिफ से तलाक हुए। अब उसके जेहन में हमेशा एक ही
Read Moreसुबह के करीब आठ बज चुके थे, और शर्मा जी को ऑफिस 9:00 बजे जाना था, इसलिए वो काफी परेशान
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