गरमी से बचें ऐसे
आसमां से बरस रहे हैं आग, आया बेरहम मौसम का राज। गरमी में करें हल्का भोजन, बिमारी का कोई रहे
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Read More‘Aman Chandpuri’ की कविता ‘सलोने स्वप्न’ सभी सलोने स्वप्न मेरे टूटकर बिखर गये। आँसू बनकर आँखों से होले-होले झर गये।
Read Moreसाथी छूटे भी तो भूला नहीं करते वक्त की नजाकत से छोड़ा नहीं करते जिसकी आवाज में नम्रता और मिठास
Read Moreमेहंदी नारियों की प्रिय श्रृंगार होती है, दोनों का जीवन एक ही समान होती है। हर जगह दोनों तोड़ी-पीसी जाती
Read Moreज़िन्दगी गर सहज ही चलती जाती तो क्या बात थी जैसा हम चाहते वैसा ही होता रहता तो क्या बात
Read Moreहम तुम्हारे लिए,तुम हमारे लिए जन्मों -जन्मों की सौगंध खाएं प्रिये ! एक पल के लिए भी न हों दूरियां
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