अब तो चेतो रे
रुष्ट हो रही अवनि अब तो चेतो रे नष्ट हो रही प्रकृति अब तो चेतो रे काटे जंगल, पेड़ पहाड़ों
Read Moreरुष्ट हो रही अवनि अब तो चेतो रे नष्ट हो रही प्रकृति अब तो चेतो रे काटे जंगल, पेड़ पहाड़ों
Read Moreदुःख सहकर भी जो हरषाई वो तो माँ ही थी जन्म दिया बेटी को और मुस्काई वो तो माँ ही
Read Moreमैं तो सिर्फ किताब का एक पन्ना हूँ जिसे तुमने चुपके से फाड़कर अपने पास रख लिया है जब
Read Moreक्या अब मेरे, सुख भरे दिन नहीं लौटेगें। क्या अब मेरे कर्ण , उस ध्वनि को नहीं सुन पायेगें क्य
Read Moreमेरा मन सोचता है कि आज जब आया भूकंप नेपाल में पुरे उत्तर प्रदेश में अचानक प्राकतिक दुर्घटना घटी उसी
Read Moreधरती माँ अब तो दया कर अब ना ला ऐसे भुचाल बर्वाद हो गया है माता भारत और नेपाल क्या
Read Moreकलम उठाओ शब्द लिखो शब्दों के फिर अर्थ लिखो अर्थो के फिर दर्द लिखो दर्द लिखो बेदर्द लिखो कलम उठाओ शब्द
Read Moreसहसा, अचानक बढ़ीं धड़कन, हृदय में नहीं, धरती के गर्भ में। मची हलचल, मस्तिष्क में नहीं, भु- पर्पटी में। सो
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