मंजिल तक पहुँचो
एक दरवाजा बंद हो जाए तुम्हारी कामयाबी का और खिड़की भी न खुले कोई तो यूँ ही कैद न रहो
Read Moreएक दरवाजा बंद हो जाए तुम्हारी कामयाबी का और खिड़की भी न खुले कोई तो यूँ ही कैद न रहो
Read Moreअक्सर … ट्रैफिक सिग्नल पर ख्वाब बेचते, ठण्ड में जमे से… अलाव सेंकते! जूठन से कहीं हैं भूख मिटाते, फुटपाथ
Read Moreशाख से टूटे कुछ पत्ते कुछ मुरझाये ,कुछ सूखे कुछ मिटटी में सने हुवे मुस्काती कलियों को देख रहे थे
Read Moreधुंधलाने न दे नन्हें विटपों का सवेरा , उम्मीदों की उड़ानों से भरा है चेहरा , छोटे हैं पर सपने
Read Moreभाग दौड़ एहसास थकन का , पल पल लगे थके से ! तुमने दी दरवाजे दस्तक , रह गए हम ठगे से
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