विंडो सीट
गर्मियों की छुट्टियों के समय कन्फर्म सीट मिलना कोई आसान बात न थी । भतीजी की सगाई एकदम से तय
Read Moreरामअसरे, काल तिलका पर 25 अदमी अइहंऽ। आज बजार में तिरलोकी मिलल रहलन ह। कहुअन कि रामअसरे से कह दिह
Read More‘‘ तुम सुधीर भैया से बात क्यूं नहीं करते हो विनय, मैं तो तंग आ चुकी हूं सविता भाभी के
Read Moreपुरानी कॉलोनी के पार्क में वे दोस्तों के साथ खेल रहे थे कि मुझे देख सब छोड़-छाड़, अंजना और अंशु,
Read Moreशाम को आफिस से लौटकर अपने आवास में पदार्पण करते समय मैं मोबाइल फोन पर बात भी कर रहा था।
Read Moreवर्षों से किसी की जुबान पर जिसका नाम भी नहीं आया। भूल गई थी उसके यादों की सारी तस्वीर जो
Read Moreसुविधा नन्हें सुजान को गोद में लिए कमरे की खिड़की से एकटक आसमान को निहार रही थी कि अचानक एक
Read Moreवो बालों में तीसरी बार कंघी फेर रही थी, मगर फिर भी संतुष्ट नहीं थी। एक ओर के बाल उसे
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