बसंत..
पीली पीली सरसों हैं खेतों की चुनर पीली पीले रंग की खुमारी चहुं ओर छा गयी। सोने जैसा हो गया
Read Moreआल्ह छ्न्द[ १६+१५=३१ अंत गाल =२१ ==================================== चलें नहाने गंगा जमुना, ईश्वर का प्यारा वरदान/ संगम तट पे भीड़ देखि
Read More1) पीता विष का घूँट हूँ, सुनके कड़वी बात। बात-बात में कर गया, बेटा दिल आघात।। बेटा दिल आघात,
Read Moreदुर्मिल सवैया ===आठ सगण ११२ x8 के संयोग से बने छ्न्द को दुर्मिल सवैया के नाम से जाना जाता है
Read Moreकुण्डलिया छंद:- एक बला की सादगी, दूजे चंचल नैन। दोनों मिलकर लूटते, कर देते बेचैन।। कर देते बेचैन, तुम्हारे बिंदिया,
Read Moreरहूँ तुझ आपनि जानि प्रिए, तुम बूझत नाहिं बुझावत हो। अंसुवन काढ़ि निकारि जिया कस नैनन नेह लगावत हो॥ ऊष्मावत
Read Moreचौपाई छंद— बदल गया है भारत देश! जबसे हुआ पश्चिमी भेष! रोज झेलते दिल पर ठेस। क्यूँ बदला अपना
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