गीतिका
इतना मत खुद पे ताप सहो , तुम एक जलावन बन जाओ इतने न विभीषण पालो तुम , की खुद
Read Moreहाले दिल अपना बता ना सके राजे दिल अपना छुपा ना सके इंतजार करते रहे सुबह शाम इंतजार उसी का
Read Moreजुदा हो करके के तुमसे अब ,तुम्हारी याद आती है मेरे दिलबर तेरी सूरत ही मुझको रास आती है कहूं
Read Moreजो दिखता है अक्सर धोखा होता है हर चेहरे के पीछे चेहरा होता है बतलाते हैं गर्दिश के दिन हम
Read Moreमिल पायें न मिल पायें पर याद ज़रूरी है थोड़ा ही सही फिर भी संवाद ज़रूरी है रिश्तों का पौधा
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