गज़ल
ज़िंदगी कट गई इम्तिहां की तरह कोई भी ना मिला मेहरबां की तरह ====================== छोड़कर चल दिए बारी-बारी सभी मैं
Read Moreआ गई हैं सर्दियाँ मस्ताइए। बैठकर के धूप में सुस्ताइए।। पर्वतों पर नगमगी चादर बिछी. बर्फबारी देखने को जाइए। बैठकर
Read Moreजब भी पीकर तुम आते हो। हंगामा ही बरपाते हो। भूल नहीं पाए तुम अब तक। खाबों
Read Moreजो दिखाई दे रहा था अस्ल में वैसा न था अस्ल में जो था कभी हमने उसे देखा न था
Read Moreये हिंदी और उर्दू की विरासत खानदानी है हमारे दिल की धड़कन ये ग़ज़ल हिन्दोस्तानी है ग़ज़ल पाकीज़गी का नाम
Read Moreपिता का साया पिता का साया गर जिंदगी मे नही होता । मिली जिंदगी मे खुशीयों में रंग नही होता
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