अपलक बाट निहार रहे हैं, नयना पिया दरस को तरसे
अपलक बाट निहार रहे हैं, नयना पिया दरस को तरसे। अबके सावन बदरी के सँग, प्यार पिया का भी तो
Read Moreअपलक बाट निहार रहे हैं, नयना पिया दरस को तरसे। अबके सावन बदरी के सँग, प्यार पिया का भी तो
Read Moreहर तरफ खुशियाँ नज़र आने लगी मुझको दर्द में भी मुस्कुराना आ गया जब से। हर कदम पर मिल रही
Read Moreजा रे बदरिया, सौतन घर जा जा रे सौतन घर जा रे, सौतन घर जा जा रे, जा रे बदरिया…….
Read Moreसावन विरह-गीत सावन मनभावन तन हरषावन आया। घायल कर पागल करता बादल छाया।। क्यों मोर पपीहा मन में आग लगाये।
Read Moreहे भारत देश! हे असीम अशेष! तुम्हें कोटि-कोटि, वंदन है…वंदन है…। कश़्मीरी सौंदर्य से, उन्नत माथा है। रग-रग में, वीरगाथा है
Read Moreमेघ से भू पर बूंदों की झड़ी आ रही है। मानों तुमसे मिलने की घड़ी आ रही है।। ये बादल
Read Moreसावन आते ही बादल ने, नभ में ली अँगड़ाई। आसमान में श्याम घटाएँ, उमड़-घुमड़ कर आई।। भीग रहे हैं खेत-बाग-वन,
Read Moreमहिलाओं की इज़्ज़त करने का, पाठ हमें पढ़ना होगा। हर कहीं सुरक्षित हो नारी, ऐसा समाज गढ़ना होगा। नारी कोई
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