दिल में लगने लगी है लगन क्या करे…
दिल में लगने लगी है लगन क्या करे सांसों में पल रही है जलन क्या करे। नीद आती नही सोचकर
Read Moreदिल में लगने लगी है लगन क्या करे सांसों में पल रही है जलन क्या करे। नीद आती नही सोचकर
Read Moreवह गोद मेरी लेट कर, ताके सकल सृष्टि गया; मेरी कला-कृति तक गया, झाँके प्रकृति की कृति गया ! देखा
Read Moreवह समझता मुझको रहा, मैं झाँकता उसको रहा; वह नहीं कुछ है कह रहा, मैं बोलता उससे रहा ! अद्भुत
Read Moreबाधायें तो खड़ी राह में सीना ताने हैं. नीलगगन तक हमको अपने पर फैलाने हैं. गोमुख से गंगासागर तक जाती
Read Moreना ये जमी होगी ना आसमा होगा । यहाँ जो भी इश्क करे उसका ना ये जहाँ होगा । ना
Read Moreबारिश-धूप-हवा जैसी सौगातें खत्म न होतीं देखो धरती से अम्बर की बातें खत्म न होती. कितनी दूर धरा है नभ
Read Moreहमने दिल को बनया है घर आपका, बांहों के दर खुले हैं। हम तुम्हारे हुए तुम हमारे हुए, इस ज़हां
Read Moreपपीहा मन प्यासा ही तरसा। सब का सावन आया मेरा मेघा ना बरसा॥ पपीहा मन प्यासा ही तरसा….. सहरा की
Read Moreकोई अमीर है, कोई गरीब है बस अपना अपना नसीब है मुलाकात अपनी ना हो सकी तू भी फासलों पे
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