गीत
सपने सजाने लगा आजकल हूं मिलने मिलाने लगा आजकल हूं हाबी हुई शख्सियत मुझ पे उनकी खुद को भुलाने लगा
Read Moreमैं माटी का दिया और तू मेरी बाती है। मेरे जीवन में प्रकाश तू ही फैलाती है।। मैं हूँ तुझमें
Read Moreमंज़र हैं यहां तबाही के। फंसी हुई दुनिया कैसे अपने ही पांसों में एक वायरस टहल रहा आदमी की सांसों
Read Moreबाहर दीप जलाने से पहले, अंतर्मन में इक दीप जला लें। नेह सुधा-जल से अभिसिंचित कर, बंजर मन में रस,
Read Moreआओ मिल के दीप जलाएं मन-तिमिर को दूर भगाएं। प्रेम-प्रीति की ज्योति से धरणी का कण-कण महकाएं। पर्व दिवाली का
Read Moreगीत गाते गुनगुनाते वेदना को तुम को सुला दो। दीन-अकिंचन के जीवन में नीर प्रीति का बरसा दो। झोंपड़ी में
Read Moreपरिवर्तन के साथ खुद को ढालना, जीवन में ना कभी हार मानना, शांति, संघर्ष,उम्मीद, उदारता, गरिमा का पाठ पढ़ाती है,
Read Moreनारी जीवन होता शायद कुछ रिश्तों का ताना- बाना इसके इतर पुरुष-नारी के सम्बन्धों को कब जग माना त्याग,धरम, अनुशासन,
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